Saturday, December 12, 2009

अनजानी बस्ती

बहुत से लोग बिना देखे निकल गए ..
ज़र्द से अपने चेहरे लिए
जाने किसे ढूंढ रहा था राजिश
एक मगरूर अनजानी बस्ती में